संयुक्त राष्ट्र संघ ने बालकों के अधिकारों की घोषणा 20 नवम्बर, सन् 1989 को की थी। इस घोषणा का मूल उद्देश्य विश्व के समस्त बालकों हेतु मूलभूत मानवीय अधिकारों को सुनिश्चित करना था। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित बालकों के अधिकार सम्बन्धी बिन्दु निम्नलिखित हैं-
1. बच्चों को जन्म के तुरन्तुबाद पंजीकरण और राष्ट्रीयता प्राप्त करने का अधिकार । प्रत्येक बच्चे को अपनी राष्ट्रीयता, नाम एवं पारिवारिक नाम बनाए रखने का अधिकार |
2. बच्चों को माता-पिता की इच्छा के विरूद्ध अलग न करना ।
3. माता-पिता अथवा परिवार से पुनः एकीकरण और सम्बन्ध बनाए रखने का अधिकार ।
4. बच्चों के अपहरण क्रय-विक्रय एवं व्यापार को रोकने के लिए राष्ट्र द्वारा कानून बनाना ।
5. यदि माता-पिता अथवा उनके लिए रखे गए उत्तरदायी व्यक्ति बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते है, राष्ट्र उन्हें संरक्षण देगा।
6. बच्चों को नशीले पदार्थों के प्रयोग से रोकना ।
7. जहाँ गोद लेने की मान्यता है वहाँ बच्चों के हित को ध्यान में रखना ।
8. शरणार्थी बच्चों को संरक्षण प्रदान करना ।
9. बच्चों को आर्थिक शोषण, खतरनाक कार्य करने तथा शारीरिक, मानसिक, नैतिक अथवा आध्यात्मिक दृष्टि से हानि होने से बचाना ।
10. लैंगिक शोषण से बचाना ।
11. सशस्त्र संघर्ष या युद्ध में 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भाग लेने तथा सेना में भर्ती होने पर निषेध हैं।
12. भारत सरकार ने इस घोषणा को 11 दिसम्बर, 1992 को अंगीकृत कर लिया ।