कल्पना क्या है
कल्पना गत अनुभवों से सम्बन्धित होती है। इसमें हमेशा नवीनता का तत्व पाया जाता है। बालक को कल्पना में यह यह अनुभव होता है कि कल्पना से सम्...
कल्पना गत अनुभवों से सम्बन्धित होती है। इसमें हमेशा नवीनता का तत्व पाया जाता है। बालक को कल्पना में यह यह अनुभव होता है कि कल्पना से सम्...
बाल विकास के क्षेत्र में गर्भधारण अवस्था से युवावस्था तक के मानव की सभी व्यवहार सम्बन्धी समस्याएँ सम्मिलित हैं। इस अवस्था के सभी मानव व्...
सन् 1854 के वुड के " आदेश पत्र " में नीहित शिक्षा सम्बन्धी संस्तुतियों से भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन ...
भारतीय शिक्षा के इतिहास में सन् 1833 से 1853 की अवधि को पाश्चात्य शिक्षा की अवधि कहा जाता है। बैंटिक की सन् 1835 की विज्ञप्ति ने अंग्रेज...
10 जून , सन् 1834 को लार्ड मैकॉले ने गवर्नर जनरल की कौंसिल के कानून सदस्य के रूप में भारत में पदार्पण किया। उस समय तक प्राच्य - प्राश्...
22 अगस्त , 1947 को भारत सरकार ने बच्चों के कल्याणार्थ राष्ट्रीय बाल नीति की घोषणा की । जिसके अन्तर्गत बालकों के पूर्ण शारीरिक , मानसिक ...
संयुक्त राष्ट्र संघ ने बालकों के अधिकारों की घोषणा 20 नवम्बर , सन् 1989 को की थी। इस घोषणा का मूल उद्देश्य विश्व के समस्त बालकों हेतु...
देश तथा समाज के लिए उपयोगी , सुयोग्य एवं उत्तरदायी नागरिकों का निर्माण करने में शिक्षा की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
कोहलबर्ग एक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक थे , जिन्होंने बच्चों और किशोरों में नैतिक विकास के बारे में एक व्यापक सिद्धांत दिया। उन्होंने यह सिद्...
अंतर्वैयक्तिक भिन्नता एक मनोवैज्ञानिक अवधारणा है जो किसी एक व्यक्ति के भीतर विभिन्न समयों पर, विभिन्न स्थितियों में, विभिन्न प्रकार क...
शैक्षिक शोध एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से शिक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।
शैशवावस्था में सामाजिक विकास- शिशु जन्म से सामाजिक नहीं होता। जन्म के बाद अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सम्पर्क में आने वाले व्यक्तिय...