एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़की, मीरा, रहती थी। मीरा को कहानियाँ सुनने का बहुत शौक था, खासकर उन कहानियों के बारे में जो जंगलों और रहस्यों से भरी होती थीं। गाँव में एक ख़ौफ़नाक जंगल था, जिसे कोई भी पार नहीं करता था। लोग कहते थे कि वहाँ अजीब-अजीब आवाजें आती थीं और जो भी अंदर गया, वो लौटकर नहीं आया।
एक दिन, मीरा ने तय किया कि वह उस जंगल में जाएगी और उसके रहस्य को सुलझाएगी। उसने अपनी एक दोस्त, राधा, को भी साथ ले लिया। राधा थोड़ी डरी हुई थी, लेकिन मीरा ने उसे आश्वस्त किया।
जब दोनों जंगल में पहुँचीं, तो वहाँ चारों ओर अंधेरा था और पेड़ बहुत घने थे। अचानक, उन्हें अजीब-सी आवाज सुनाई दी। मीरा ने कहा, "ये सिर्फ कहानियाँ हैं। हमें आगे बढ़ना चाहिए।"
जंगल में गहराई में जाते हुए, उन्हें एक पुराना खंडहर मिला। खंडहर के अंदर, उन्होंने एक रहस्यमयी दरवाजा देखा। मीरा ने दरवाजा खोलने का निश्चय किया। जैसे ही दरवाजा खुला, एक तेज़ रोशनी आई और वे एक खूबसूरत बगीचे में पहुँच गईं।
बगीचे में अद्भुत फूल, रंग-बिरंगी तितलियाँ और एक चमकती झील थी। अचानक, वहाँ एक बूढ़ा आदमी आया। उसने कहा, "तुम दोनों यहाँ कैसे आईं?" मीरा ने कहा, "हम जंगल के रहस्य को जानने आई हैं।"
बूढ़े आदमी ने मुस्कराते हुए कहा, "यह जंगल ख़ौफ़नाक नहीं है, बल्कि यह जादुई है। जो लोग यहाँ आकर अपने डर का सामना करते हैं, उन्हें यह जादू दिखाई देता है।"
मीरा और राधा ने समझा कि जंगल की ख़ौफनाक कहानियाँ सिर्फ डर को बढ़ाने वाली थीं। उन्होंने उस जादुई बगीचे में बहुत समय बिताया, और वहाँ की सुंदरता ने उनके दिलों को छू लिया।
जब वे लौटने लगीं, तो बूढ़े आदमी ने कहा, "हर डर के पीछे एक सच है। जब तुम अपने डर का सामना करोगी, तो तुम अपनी शक्ति को पहचानोगी।"
गाँव लौटकर, मीरा ने अपने दोस्तों को अपनी कहानी सुनाई और बताया कि जंगल में कोई ख़ौफ़ नहीं था, बल्कि यह एक जादुई जगह थी। गाँववालों ने उसे सुनकर अपने डर को छोड़ने का फैसला किया और सभी ने मिलकर जंगल की खूबसूरती का आनंद लेने का निश्चय किया।